शब्द का अर्थ
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					धर्मशास्त्र 					 :
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					पुं० [ष० त०] प्राचीन भारतीय समाज तथा हिंदुओं में, पारस्परिक व्यवहार से संबंध रखने वाले वे सब नियम या विधान, जो समाज का नियंत्रण तथा संचालन करने के लिए बड़े-बड़े आचार्य तथा महापुरुष बनाते थे और जो लोक में धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण और मान्य समझे जाते थे। जैसे—मानव धर्म-शास्त्र।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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